
Monday, October 26, 2009
श्री मद्भागवत गीता
श्री मद्भागवत गीता
भगवत गीता यानि भगवान श्री कृष्ण के मुखार बिंद से निकली एक ऐसी वाणी और उस वाणी को शब्दों में ढालकर बनाया गया एक ऐसा ग्रन्थ जिसको गीता शास्त्र के नाम से जानते है , यह शास्त्र महाभारत के युद्घ के समय जब अर्जुन ने अपने भाई बांधवों ( कोरवो) के साथ युद्घ करने से मना कर दिया था ,तब भगवन श्री कृष्ण ने अर्जुन को तत्व ज्ञान का उपदेश दिया था , उसके फलसवरूप महारथी अर्जुन ने उस ज्ञान की प्राप्ति के पश्चात महाभारत का युद्घ किया , और युद्घ में विजय पाई ,
कहते है जो कर्मशील प्राणी इस गीता शास्त्र को पढने के साथ साथ अच्छे कर्म भी करता है , उस प्राणी को शोक ,भय के साथ पुनर्जन्म के पापो से भी मुक्ति मिल जाती है

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10 comments:
great sir welcome to Hindi blogging
gyanvardhak lekh.dhnyavaad.
swagat.
बहुत अच्छा लेख है। ब्लाग जगत मैं स्वागतम्।
http://myrajasthan.blogspot.com
ब्लॉग जगत में स्वागत और बधाई
स्वागत है ।
आप का स्वागत करते हुए मैं बहुत ही गौरवान्वित हूँ कि आपने ब्लॉग जगत मेंपदार्पण किया है. आप ब्लॉग जगत को अपने सार्थक लेखन कार्य से आलोकित करेंगे. इसी आशा के साथ आपको बधाई.
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत हैं,.
http://chrchapankidukanpar.blogspot.comye
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हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.....
इधर से गुज़रा था, सोचा सलाम करता चलूं
www.samwaadghar.blogspot.com
धार्मिक लेख के लिए धन्यवाद।
शुभकामनाएं ।
ब्लाग जगत मैं स्वागतम्।........
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